Penguin Swadesh is the Indian Languages imprint for Penguin Random House India. It is our commitment to publish books in the Indian languages which reflect the diversity of our culture. As a premier Indian language publisher, it is our responsibility to preserve and promote the literary heritage of our country. With over 50 new titles published each year and a backlist titles catalogue of over 450 titles, we have successfully expanded our publishing program to include several genres such as literary fiction and non-fiction, mass-market fiction, self-help and mind-body-spirit, business books, and children’s literature
Under Penguin Swadesh, we have grown to become one of the most respected Hindi language publishers in the country. We are building on the children’s list with over 200 titles, which include the translations of some brilliant classics like Lilliput and Twenty Thousand Leagues Under The Sea and authors like Sumitra Nandan Pant.
Our commitment to diversity does not end there – under Penguin Swadesh, we are also translating and publishing books from across the world in all genres. From Michelle Obama’s Becoming to Dan Brown’s thrillers, and Tolstoy’s and Anatole France’s books, we are bringing the world’s literature to our readers.
Our publishing house is a treasure trove of written work by legendary writers – Premchand, Amrita Pritam, Acharya Chatursen Shastri, Krish Chander, Gurudutt, Dutt Bharti, Narendra Kohli, Mulkraj Anand, Surendra Mohan Pathak, Gaur Gopal Das, Sadhguru, Osho, Ruzbeh N Bharucha and Thich Naht Hanh, and Indra Nooyi to name a few; bestselling poets include the likes of Harivansh Rai Bachchan, Gopal Das Neeraj, and Prakash Pandit.
In short, Penguin Swadesh is a celebration of language, culture, and diversity. We are committed to preserving and promoting the literary heritage of India, while also bringing the best of world literature to our readers. We hope you will join us on this journey of discovery and enlightenment.
पेंगुइन स्वदेश, पेंगुइन रैंडम हाउस, इंडिया के लिए भारतीय भाषाओं का इम्प्रिंट है। हम भारतीय भाषाओं में पुस्तकें प्रकाशित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिनसे हमारी संस्कृति की विविधता का पता चलता है। भारतीय भाषाओं के अग्रणी प्रकाशक के रूप में, यह हमारा उत्तरदायित्व है कि हम अपने देश की साहित्यिक विरासत को पोषित और प्रोत्साहित करें। प्रत्येक वर्ष 50 से भी ज़्यादा पुस्तकों और लगभग 450 से भी ज़्यादा बैकलिस्ट पुस्तकों का प्रकाशन करते हुए हमनें अपने प्रकाशन कार्यक्रम का सफलतापूर्वक विस्तार किया है और इसमें कथा-साहित्य, कथेतर, मास-मार्केट -साहित्य, सेल्फ़-हेल्प, माइंड-बॉडी-स्पिरिट, बिज़नेस पर किताबें और बाल-साहित्य जैसी अनेक विधाओं में प्रकाशन किया है।
पेंगुइन स्वदेश के अंतर्गत हम देश में हिंदी के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित प्रकाशक के रूप में अपनी पहचान बनाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। वर्तमान में हम बाल-साहित्य से जुड़ी 200 से भी ज़्यादा पुस्तकों की सूची की ओर बढ़ रहे हैं जिसमें लिलीपुट और ट्वंटी थाउसंड लीग्स अंडर द सी’ जैसी कुछ शानदार क्लासिक किताबें और सुमित्रानन्दन पंत जैसे लेखक भी शामिल हैं।
देश की विविधता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता यहीं ख़त्म नहीं होती—पेंगुइन स्वदेश के अंतर्गत, हम दुनिया की सभी विधाओं और साहित्य की पुस्तकों का अनुवाद और प्रकाशन कर रहे हैं। इसमें मिशेल ओबामा से लेकर डैन ब्राउन के थ्रिलर और टायल्सटॉय और एनाटोले फ्रांस की किताबें शामिल हैं। इस तरह हम विश्व साहित्य को अपने पाठकों तक पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं।
हमारा प्रकाशन कई बेहद लोकप्रिय और महान लेखकों की लिखी पुस्तकों का खज़ाना है— जिसमें प्रेमचंद, अमृता प्रीतम, आचार्य चतुरसेन शास्त्री, कृष्ण चन्दर, गुरुदत्त, दत्त भारती, नरेंद्र कोहली, मुल्कराज आनंद, सुरेन्द्र मोहन पाठक, गौर गोपाल दास, सद्गुरु, ओशो, रुज़बेह एन भरुचा और इन्द्रा नूयी जैसे नाम शामिल हैं। हिंदी साहित्य के शीर्ष कवियों में हरिवंश राय बच्चन, गोपाल दास नीरज और प्रकाश पंडित जैसे नाम भी इसमें शामिल हैं।
वास्तव में, पेंगुइन स्वदेश हमारे देश की भाषा, संस्कृति और विविधता का उत्सव है। हम अपने पाठकों तक विश्व साहित्य पहुँचाने के साथ-साथ भारत की साहित्यिक धरोहर के संरक्षण और प्रोत्साहन के प्रति प्रतिबद्ध हैं। हमें आशा है कि आप भारतीय भाषाओं की इस खोज और ज्ञान की यात्रा में हमारे साथ चलेंगे।