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निर्मल वर्मा का जन्म 3 अप्रैल 1929 को शिमला में हुआ था। हिन्दी साहित्य में नई कहानी आंदोलन के प्रमुख ध्वजवाहक निर्मल वर्मा का कहानी में आधुनिकता का बोध लाने वाले कहानीकारों में अग्रणी स्थान है। रात का रिपोर्टर, एक चिथड़ा सुख, लाल टीन की छत और वे दिन निर्मल वर्मा के चर्चित उपन्यास हैं। उनका अंतिम उपन्यास अंतिम अरण्य 1990 में प्रकाशित हुआ था। उनकी सौ से अधिक कहानियाँ कई कहानी संग्रहों में प्रकाशित हुई।निर्मल वर्मा का निधन 25 अक्टूबर 2005 को नई दिल्ली में हुआ।