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द लास्ट हीरोज़ किताब में, भारतीय स्वतंत्रता के ये पैदल सैनिक हमें अपनी कहानियाँ बताते हैं। वे अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं, उनमें नास्तिक और आस्तिक, वामपंथी, गांधीवादी और अंबेडकरवादी शामिल हैं।
पुस्तक की तस्वीरों में दिए गए लोगों ने दिलचस्प सवाल उठाया : स्वतंत्रता क्या है? उनमें से लगभग सभी ने वर्ष 1947 के बाद भी लंबे समय तक आज़ादी के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी। 1947 के बाद की पीढ़ियों को भारतीय स्वतंत्रता के पैदल सैनिकों की कहानियों की ज़रूरत है। यह जानने के लिए कि आज़ादी और स्वतंत्रता एक चीज़ नहीं हैं।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jun/2024
ISBN: 9780143466413
Length : 296 Pages
MRP : ₹399.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
ISBN:
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jun/2024
ISBN:
Length : 296 Pages
MRP : ₹399.00
द लास्ट हीरोज़ किताब में, भारतीय स्वतंत्रता के ये पैदल सैनिक हमें अपनी कहानियाँ बताते हैं। वे अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं, उनमें नास्तिक और आस्तिक, वामपंथी, गांधीवादी और अंबेडकरवादी शामिल हैं।
पुस्तक की तस्वीरों में दिए गए लोगों ने दिलचस्प सवाल उठाया : स्वतंत्रता क्या है? उनमें से लगभग सभी ने वर्ष 1947 के बाद भी लंबे समय तक आज़ादी के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी। 1947 के बाद की पीढ़ियों को भारतीय स्वतंत्रता के पैदल सैनिकों की कहानियों की ज़रूरत है। यह जानने के लिए कि आज़ादी और स्वतंत्रता एक चीज़ नहीं हैं।
पी साईनाथ उन गिने-चुने पत्रकारों में से हैं जिन्होंने गरीबी, शोषण, भुखमरी, तथा उदारीकरण दुष्प्रभावों को ही अपनी पत्रकारिता का विषय बनाया। साईनाथ ने दिल्ली के जेएनयू से शिक्षा प्राप्त की और फिर लगभग दस वर्षो तक साप्ताहिक ब्लिट्ज से जुड़़े रहे। 1993 में उन्हें टाइम्स ऑफ इंडिया फेलोशिप प्राप्त हुई और इस फेलोशिप के अंतर्गत उन्होंने देश के नौ निर्धनतम जिलों की रिपोर्टिंग की जिनका संकलित रूप उनकी बहुचर्चित पुस्तक एवरीबॉडी लव्ज़ ए गुड ड्रराउट है। यह किताब दुनिया के कई देशों के पत्रकारिता पाठ्यक्रम का हिस्सा है।