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कोविड महामारी का वैश्विक असर इतना व्यापक था कि आज के दौर में हम घटनाओं को कोविड पूर्व और कोविड बाद की घटनाओं के तौर पर व्याख्या करते हैं।
जब हम इस नई विश्व व्यवस्था में फिर से गतिशील हो रहे हैं, तो ऐसे में अनुकूल और टिकाऊ आदतों का निर्माण करना पहले से ज़्यादा ज़रूरी है।
जहाँ द आर्ट ऑफ रेज़िलियंस ने पाठकों के सामने इन बातों को सामने रखा कि कोविड जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामने कैसे करें, वही द आर्ट ऑफ फोकस ने कोविड लहरों के दौरान उन प्रतिरोधी हृदयों को सिखाया कि वे कैसे एक केंद्रित मस्तिष्क का विकास करें। अब द आर्ट ऑफ हैबिट्सउन केंद्रित पाठकों को वो विचार दे रही है कि अनुकूल और टिकाऊ आदतें कैसे विकसित करें।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Oct/2023
ISBN: 9780143463481
Length : 256 Pages
MRP : ₹250.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
ISBN:
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Oct/2023
ISBN:
Length : 256 Pages
MRP : ₹250.00
कोविड महामारी का वैश्विक असर इतना व्यापक था कि आज के दौर में हम घटनाओं को कोविड पूर्व और कोविड बाद की घटनाओं के तौर पर व्याख्या करते हैं।
जब हम इस नई विश्व व्यवस्था में फिर से गतिशील हो रहे हैं, तो ऐसे में अनुकूल और टिकाऊ आदतों का निर्माण करना पहले से ज़्यादा ज़रूरी है।
जहाँ द आर्ट ऑफ रेज़िलियंस ने पाठकों के सामने इन बातों को सामने रखा कि कोविड जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामने कैसे करें, वही द आर्ट ऑफ फोकस ने कोविड लहरों के दौरान उन प्रतिरोधी हृदयों को सिखाया कि वे कैसे एक केंद्रित मस्तिष्क का विकास करें। अब द आर्ट ऑफ हैबिट्सउन केंद्रित पाठकों को वो विचार दे रही है कि अनुकूल और टिकाऊ आदतें कैसे विकसित करें।
गौरांग दास मुम्बई में रहने वाले एक नेतृत्व और चेतना(लीडरशिप और माइंडफुलनेस) के प्रशिक्षक-गुरु हैं। आईआईटी बंबई से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने सन्यास का राह धारण किया। वह इस्कॉन के गवर्निंग बॉडी कमीशन के एक सदस्य हैं और मेंदिरों के नेतृत्व प्रभावशालिता को दुनिया भर में विस्तार करने में सक्रिय हैं।