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तब और अब उपन्यास में लेखक की दृष्टि हमारी दो पीढ़ियों पर टिकी है। एक पिछली पीढ़ी, जिसके अपने कुछ गुण, कुछ संस्कार थे जो उन्हें जोखिम उठाकर भी थामे रहती थी और दूसरी आज की पीढ़ी, जो बदली हुई परिस्थिति में घिरी हुई है और अपना संतुलन खो रही है। अनेक घटनाओं और पात्रों के ज़रिए लेखक ने हमारे समय का एक यथार्थ किंतु पूर्ण चित्र खींच दिया है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Aug/2025
ISBN: 9780143477907
Length : 246 Pages
MRP : ₹299.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
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Imprint: Penguin Swadesh
Published: Aug/2025
ISBN:
Length : 246 Pages
MRP : ₹299.00
तब और अब उपन्यास में लेखक की दृष्टि हमारी दो पीढ़ियों पर टिकी है। एक पिछली पीढ़ी, जिसके अपने कुछ गुण, कुछ संस्कार थे जो उन्हें जोखिम उठाकर भी थामे रहती थी और दूसरी आज की पीढ़ी, जो बदली हुई परिस्थिति में घिरी हुई है और अपना संतुलन खो रही है। अनेक घटनाओं और पात्रों के ज़रिए लेखक ने हमारे समय का एक यथार्थ किंतु पूर्ण चित्र खींच दिया है।