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आज से कोई 2400 वर्ष पूर्व यूनान के एथेंस नगर में एक फक्कड़ महात्मा हुए, जिनका नाम था सुकरात। यह ऐसा नाम है, जो मरकर भी अमर है और आनेवाले युगों-युगों तक रहेगा। सुकरात राजनीति के भीष्म पितामह के समान समाद्रित हैं और पूरी मानव जाति की सर्वश्रेष्ठ सम्पदा हैं। इतने महान दार्शनिक को ख़ुद उनके ही देश के शासक ने नहीं समझा और उन पर मुकदमा चलाया गया और मृत्युदंड दिया गया। जेल में ही उन्होंने शान्त भाव से विषपान किया और महाप्रयाण कर गए, किंतु मृत्यु के कुछ वर्षों पश्चात यही सुकरात एक महान दार्शनिक के रूप में सर्वमान्य हुए।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Sep/2025
ISBN: 9780143478546
Length : 148 Pages
MRP : ₹199.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
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Imprint: Penguin Swadesh
Published: Sep/2025
ISBN:
Length : 148 Pages
MRP : ₹199.00
आज से कोई 2400 वर्ष पूर्व यूनान के एथेंस नगर में एक फक्कड़ महात्मा हुए, जिनका नाम था सुकरात। यह ऐसा नाम है, जो मरकर भी अमर है और आनेवाले युगों-युगों तक रहेगा। सुकरात राजनीति के भीष्म पितामह के समान समाद्रित हैं और पूरी मानव जाति की सर्वश्रेष्ठ सम्पदा हैं। इतने महान दार्शनिक को ख़ुद उनके ही देश के शासक ने नहीं समझा और उन पर मुकदमा चलाया गया और मृत्युदंड दिया गया। जेल में ही उन्होंने शान्त भाव से विषपान किया और महाप्रयाण कर गए, किंतु मृत्यु के कुछ वर्षों पश्चात यही सुकरात एक महान दार्शनिक के रूप में सर्वमान्य हुए।