शरत् बाबू मस्तिष्क से अधिक हृदय को छूते हैं। ममतामयी नारी की वेदना का तो उन्होंने ऐसा हृदय-द्रावक चित्र अपनी कृतियों में प्रस्तुत किया है कि पाठक को बरबस रुलाई आ जाती है। न जाने पीड़ा से उन्हें क्यों इतना प्यार है। वे पात्रों के दुख-दर्द को पाठक के हृदय में उतार देते हैं। मंझली दीदी-बड़ी दीदी उनकी ऐसी ही मार्मिक रचना है। इस कहानी पर एक उत्कृष्ट फिल्म का निर्माण मंझली दीदी के नाम से हो चुका है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jan/2024
ISBN: 9780143465423
Length : 110 Pages
MRP : ₹199.00