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कलामे रूमी को फारसी भाषा से सीधा अनुवाद किया गया है।
अभय तिवारी ने रूमी नाम से फ़ारसी साहित्य के विद्वान सूफ़ी विचारक और संत मौलाना मुहम्मद जलालुद्दीन रूमी की प्रसिद्ध पुस्तक “मसनवी” का हिंदी अनुवाद किया है। मसनवी फ़ारसी साहित्य की अद्वितीय कृति है। इसमें संस्मरणों और रूपकों के ज़रिए ईश्वर और आस्था के मसलों पर विवेचन किया गया है। रूमी सिर्फ़ कवि नहीं है, वे सूफ़ी हैं, वे आशिक़ हैं, वे ज्ञानी हैं, विद्वान हैं और सबसे बढ़कर वे एक गुरु हैं। उनमें एक तरफ़ तो उस माशूक़ के हुस्न का नशा है, विसाल की आरज़ू व जुदाई का दर्द है, और दूसरी तरफ़ नैतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की गहराईयों से निकाले हुए अनमोल मोती हैं। इसीलिए रूमी का साहित्य सारे संसार को सम्मोहित किए हुए है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Nov/2024
ISBN: 9780143472292
Length : 302 Pages
MRP : ₹299.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
ISBN:
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Nov/2024
ISBN:
Length : 302 Pages
MRP : ₹299.00
कलामे रूमी को फारसी भाषा से सीधा अनुवाद किया गया है।
अभय तिवारी ने रूमी नाम से फ़ारसी साहित्य के विद्वान सूफ़ी विचारक और संत मौलाना मुहम्मद जलालुद्दीन रूमी की प्रसिद्ध पुस्तक “मसनवी” का हिंदी अनुवाद किया है। मसनवी फ़ारसी साहित्य की अद्वितीय कृति है। इसमें संस्मरणों और रूपकों के ज़रिए ईश्वर और आस्था के मसलों पर विवेचन किया गया है। रूमी सिर्फ़ कवि नहीं है, वे सूफ़ी हैं, वे आशिक़ हैं, वे ज्ञानी हैं, विद्वान हैं और सबसे बढ़कर वे एक गुरु हैं। उनमें एक तरफ़ तो उस माशूक़ के हुस्न का नशा है, विसाल की आरज़ू व जुदाई का दर्द है, और दूसरी तरफ़ नैतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की गहराईयों से निकाले हुए अनमोल मोती हैं। इसीलिए रूमी का साहित्य सारे संसार को सम्मोहित किए हुए है।