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इस शानदार किताब के जरिए विनीत गिल ने आधुनिक हिंदी साहित्य के शिखर पुरुषों में गिने जाने वाले एक लेखक के साहित्यिक संसार की गहरी पड़ताल की है और निर्मल वर्मा के जीवन के बिखरे हुए तत्वों को एक ऐसी सामग्री की तरह देखा है जिसने एक लेखक के रूप में उन्हें गढ़ा। जिन जगहों पर निर्मल वर्मा रहे, जिन लोगों को वे जानते थे और जिन पुस्तकों को वे पढ़ते थे, गिल की राय में, ये सब कुछ वर्मा की कहानियों और उपन्यास में परिलक्षित होता है। यह किताब गहन पाठकीय विश्लेषण और बेहद सोच समझकर की गई पड़ताल का नतीजा है- वर्मा के साहित्यिक कृतित्व और विश्व साहित्य में उनके स्थान के बारे में एक चिंतन।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jan/2024
ISBN: 9780143460541
Length : 188 Pages
MRP : ₹299.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
ISBN:
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jan/2024
ISBN:
Length : 188 Pages
MRP : ₹299.00
इस शानदार किताब के जरिए विनीत गिल ने आधुनिक हिंदी साहित्य के शिखर पुरुषों में गिने जाने वाले एक लेखक के साहित्यिक संसार की गहरी पड़ताल की है और निर्मल वर्मा के जीवन के बिखरे हुए तत्वों को एक ऐसी सामग्री की तरह देखा है जिसने एक लेखक के रूप में उन्हें गढ़ा। जिन जगहों पर निर्मल वर्मा रहे, जिन लोगों को वे जानते थे और जिन पुस्तकों को वे पढ़ते थे, गिल की राय में, ये सब कुछ वर्मा की कहानियों और उपन्यास में परिलक्षित होता है। यह किताब गहन पाठकीय विश्लेषण और बेहद सोच समझकर की गई पड़ताल का नतीजा है- वर्मा के साहित्यिक कृतित्व और विश्व साहित्य में उनके स्थान के बारे में एक चिंतन।
विनीत गिल लेखक और संपादक हैं। अक्सर साहित्यिक-आलोचनात्मक प्रकृति और कभी-कभी बेहद निजी स्वर लिए उनके कई निबंधों को विभिन्न भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशनों में जगह मिली है। बीते दशक में उन्होंने अपने समय का महत्वपूर्ण हिस्सा पढ़ने और लिखने में व्यतीत किया है, और इन दोनों परस्पर संबंधित गतिविधियों के आस-पास अपने जीवन को गढ़ने की कोशिश की है। यह उनकी पहली किताब है।