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यह किताब सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, पत्रकारों, एनजीओ से जुड़े लोगों या आम लोगों के लिए भी एक ज़रूरी किताब है। इसमें ग्रामीण विकास को लेकर ऐसे तथ्य और ऐसी रिपोर्टिंग की गई है जिसे सरकारी अधिकारी मानने के लिए राज़ी नहीं हो सकते।
इस पुस्तक में सुदूर इलाकों की अड़सठ रिपोर्टें, दस लेख और उनतीस तस्वीर हैं जो ग्रामीण भारत की व्यथा को सामने लाती है।
इसमें भूख है, बदहाल खेती है, सूदखोर महाजन हैं और बंधुआ मजदूर हैं। यह किताब हर संवेदनशील व्यक्ति के लिए एक ज़रूरी किताब है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Sep/2023
ISBN: 9780143461487
Length : 480 Pages
MRP : ₹499.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
ISBN:
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Sep/2023
ISBN:
Length : 480 Pages
MRP : ₹499.00
यह किताब सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, पत्रकारों, एनजीओ से जुड़े लोगों या आम लोगों के लिए भी एक ज़रूरी किताब है। इसमें ग्रामीण विकास को लेकर ऐसे तथ्य और ऐसी रिपोर्टिंग की गई है जिसे सरकारी अधिकारी मानने के लिए राज़ी नहीं हो सकते।
इस पुस्तक में सुदूर इलाकों की अड़सठ रिपोर्टें, दस लेख और उनतीस तस्वीर हैं जो ग्रामीण भारत की व्यथा को सामने लाती है।
इसमें भूख है, बदहाल खेती है, सूदखोर महाजन हैं और बंधुआ मजदूर हैं। यह किताब हर संवेदनशील व्यक्ति के लिए एक ज़रूरी किताब है।
पी साईनाथ उन गिने-चुने पत्रकारों में से हैं जिन्होंने गरीबी, शोषण, भुखमरी, तथा उदारीकरण दुष्प्रभावों को ही अपनी पत्रकारिता का विषय बनाया। साईनाथ ने दिल्ली के जेएनयू से शिक्षा प्राप्त की और फिर लगभग दस वर्षो तक साप्ताहिक ब्लिट्ज से जुड़़े रहे। 1993 में उन्हें टाइम्स ऑफ इंडिया फेलोशिप प्राप्त हुई और इस फेलोशिप के अंतर्गत उन्होंने देश के नौ निर्धनतम जिलों की रिपोर्टिंग की जिनका संकलित रूप उनकी बहुचर्चित पुस्तक एवरीबॉडी लव्ज़ ए गुड ड्रराउट है। यह किताब दुनिया के कई देशों के पत्रकारिता पाठ्यक्रम का हिस्सा है।