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हिन्द पॉकेट बुक्स ने हमारे युग के इस सर्वश्रेष्ठ गल्पकार आचार्य चतुरसेन की सम्पूर्ण कहानियों को सिलसिलेवार एक साथ प्रकाशित करने की योजना के अन्तर्गत 5 भागों में संकलित किया है। इन कहानियों की यह विशेषता है कि ये सर्वथा प्रामाणिक मूल पाठ हैं, जो सभी पाठकों के साथ-साथ हिन्दी कहानियों के अध्येताओं और शोधार्थियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। ‘दुखवा मैं कासे कहूँ’ उनकी सम्पूर्ण कहानियों की दूसरी कड़ी है। इसमें 26 कहानियाँ दी गई हैं। सम्पूर्ण कहानियों का पहला भाग ‘बाहर-भीतर’ है।
Imprint: Hind Pocket Books
Published: Aug/2023
ISBN: 9780143461999
Length : 286 Pages
MRP : ₹250.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
ISBN:
Imprint: Hind Pocket Books
Published: Aug/2023
ISBN:
Length : 286 Pages
MRP : ₹250.00
हिन्द पॉकेट बुक्स ने हमारे युग के इस सर्वश्रेष्ठ गल्पकार आचार्य चतुरसेन की सम्पूर्ण कहानियों को सिलसिलेवार एक साथ प्रकाशित करने की योजना के अन्तर्गत 5 भागों में संकलित किया है। इन कहानियों की यह विशेषता है कि ये सर्वथा प्रामाणिक मूल पाठ हैं, जो सभी पाठकों के साथ-साथ हिन्दी कहानियों के अध्येताओं और शोधार्थियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। ‘दुखवा मैं कासे कहूँ’ उनकी सम्पूर्ण कहानियों की दूसरी कड़ी है। इसमें 26 कहानियाँ दी गई हैं। सम्पूर्ण कहानियों का पहला भाग ‘बाहर-भीतर’ है।