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इस पुस्तक में कंपनियों के विश्लेषण की प्रक्रिया को व्यवस्थित और स्पष्ट रूप से समझाया गया है। लेखकगण निवेश के सबसे हानिकारक मिथकों को भी उजागर करते हैं। कुछ समय से भारतीयों को चल-अचल संपत्तियों समेत अपनी बचतों से पर्याप्त रिटर्न मिलने की सम्भावना नहीं रही। कॉर्पोरेट धोखाधड़ी, कमज़ोर व्यापार मॉडल, कम्पनियों द्वारा पूंजी के गलत आवंटन जैसे कई कारणों से काफी नुकसान हुए, जिनका ख़ामियाज़ा भुगता अदूरदर्शी निवेशकों ने, जिनकी बचतें लग गईं दांव पर। अब भारतीय बचतकर्ताओं के पास कौन-से विकल्प बचे हैं जिनमें निवेश और सम्पत्ति का निर्माण मुमकिन हो?
निराशा की इस गर्त में डायमंड्स इन द डस्ट आपको ईमानदार, अच्छी प्रबंधित भारतीय कम्पनियों की पहचान करने के लिए एक सरल और प्रभावी निवेश तकनीक दे रही है, जो निवेशकों के लिए बड़े पैमाने पर रिटर्न उत्पन्न करेगी।
यह एक बेहद ज़रूरी किताब है, जो निवेश पर किसी मैनुअल जैसे काम करेगी और पाठकों को उनके वित्तीय लक्ष्यों को पाने की व्यावहारिक सलाहें देगी।
Imprint: Hind Pocket Books
Published: Mar/2023
ISBN: 9780143456124
Length : 320 Pages
MRP : ₹250.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
ISBN:
Imprint: Hind Pocket Books
Published: Mar/2023
ISBN:
Length : 320 Pages
MRP : ₹250.00
इस पुस्तक में कंपनियों के विश्लेषण की प्रक्रिया को व्यवस्थित और स्पष्ट रूप से समझाया गया है। लेखकगण निवेश के सबसे हानिकारक मिथकों को भी उजागर करते हैं। कुछ समय से भारतीयों को चल-अचल संपत्तियों समेत अपनी बचतों से पर्याप्त रिटर्न मिलने की सम्भावना नहीं रही। कॉर्पोरेट धोखाधड़ी, कमज़ोर व्यापार मॉडल, कम्पनियों द्वारा पूंजी के गलत आवंटन जैसे कई कारणों से काफी नुकसान हुए, जिनका ख़ामियाज़ा भुगता अदूरदर्शी निवेशकों ने, जिनकी बचतें लग गईं दांव पर। अब भारतीय बचतकर्ताओं के पास कौन-से विकल्प बचे हैं जिनमें निवेश और सम्पत्ति का निर्माण मुमकिन हो?
निराशा की इस गर्त में डायमंड्स इन द डस्ट आपको ईमानदार, अच्छी प्रबंधित भारतीय कम्पनियों की पहचान करने के लिए एक सरल और प्रभावी निवेश तकनीक दे रही है, जो निवेशकों के लिए बड़े पैमाने पर रिटर्न उत्पन्न करेगी।
यह एक बेहद ज़रूरी किताब है, जो निवेश पर किसी मैनुअल जैसे काम करेगी और पाठकों को उनके वित्तीय लक्ष्यों को पाने की व्यावहारिक सलाहें देगी।
सौरभ मुखर्जी, रक्षित रंजन और सलिल देसाई संपत्ति प्रबंधन सेवाओं के सेबी-विनियमित प्रदाता मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स में निवेश टीम का हिस्सा हैं।
सौरभ, रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट्स के फैलो और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के पूर्व छात्र, निवेश, व्यापार रणनीति और सेल्फ़-इंपावरमेंट सहित चार विषयों पर बेस्ट-सेलर पुस्तकों के लेखक हैं।चार्टर्ड अकाउंटेंट और एमबीए सलिल ने भारत के सबसे बड़े पारिवारिक निवेश कार्यालय सहित भारतीय इक्विटी बाजारों में विविध क्षेत्रों को कवर करते हुए सोलह वर्षों से अधिक समय बिताया है।
रक्षित मार्सेलस के प्रमुख कंसिस्टेंट कंपाउंडर्स फंड का प्रबंधन करते हैं। वो आईआईटी दिल्ली से बीटेक और सीएफए चार्टरधारक हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट और एमबीए सलिल ने भारत के सबसे बड़े पारिवारिक निवेश कार्यालय सहित भारतीय इक्विटी बाजारों में विविध क्षेत्रों को कवर करते हुए सोलह वर्षों से अधिक समय बिताया है।