गोली खाने के लिए छाती ताने खड़े उस प्रेमी के चमकते हुए चेहरे और घुँघराले बालों की ओर गौर से देखता हुआ बलदेवा उपेक्षा से बोला, “गोलियाँ बहुत महँगी हैं आजकल।” पलटकर जाते हुए बलदेवा का कंधा थामकर चित्रकार ने कहा, “देख बलदेवा, अगर तू मुझे नहीं मारेगा तो मैं तुझे मार दूँगा। दोनों तरह से उसकी मुश्किल आसान होकर रहेगी। बोल, क्या कहता है?”
एक तरफ चित्रकार का प्रेम और त्याग! दूसरी तरफ डाकू बलदेवा की हिंसा और प्रतिशोध! और फिर इनके टकराव की यह अनोखी कहानी जिसे पंडित आनंद कुमार ने सर्वप्रथम फिल्म अनोखी रात के लिए लिखा और अब उसे उपन्यास के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। व्यक्ति के अंतर्मन को छूने वाला एक मार्मिक उपन्यास।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Nov/2024
ISBN: 9780143472216
Length : 102 Pages
MRP : ₹175.00