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अमर कहानियों के रचयिता आचार्य चतुरसेन हिन्दी कथा – साहित्य के अद्वितीय कथा – शिल्पी के रूप में जाने जाते हैं। उनकी कहानियां और उपन्यास हिन्दी साहित्य के इतिहास की अमूल्य धरोहर हैं। आचार्य चतुरसेन की सम्पूर्ण कहानियों को सिलसिलेवार एक साथ प्रकाशित करने की योजना के अन्तर्गत 5 भागों में संकलित किया गया है। इन संकलनों की यह विशेषता है कि ये कहानियां सर्वथा प्रामाणिक मूल – पाठ हैं, जो सभी पाठकों के साथ – साथ हिन्दी कहानियों के अध्येताओं और शोधार्थियों के लिए भी मह्त्वपूर्ण हैं। ‘बाहर – भीतर’ सम्पूर्ण कहानियों की शृंखला की पहली कड़ी है। इसमें 18 कहानियां दी गई हैं, जो चतुरसेन के लेखन के शिखर को रेखांकित करती हैं।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Mar/2024
ISBN: 9780143467205
Length : 272 Pages
MRP : ₹250.00
Imprint: Penguin Audio
Published:
ISBN:
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Mar/2024
ISBN:
Length : 272 Pages
MRP : ₹250.00
अमर कहानियों के रचयिता आचार्य चतुरसेन हिन्दी कथा – साहित्य के अद्वितीय कथा – शिल्पी के रूप में जाने जाते हैं। उनकी कहानियां और उपन्यास हिन्दी साहित्य के इतिहास की अमूल्य धरोहर हैं। आचार्य चतुरसेन की सम्पूर्ण कहानियों को सिलसिलेवार एक साथ प्रकाशित करने की योजना के अन्तर्गत 5 भागों में संकलित किया गया है। इन संकलनों की यह विशेषता है कि ये कहानियां सर्वथा प्रामाणिक मूल – पाठ हैं, जो सभी पाठकों के साथ – साथ हिन्दी कहानियों के अध्येताओं और शोधार्थियों के लिए भी मह्त्वपूर्ण हैं। ‘बाहर – भीतर’ सम्पूर्ण कहानियों की शृंखला की पहली कड़ी है। इसमें 18 कहानियां दी गई हैं, जो चतुरसेन के लेखन के शिखर को रेखांकित करती हैं।
आचार्य चतुरसेन शास्त्री हिन्दी भाषा के एक महान उपन्यासकार थे। इनका अधिकतर लेखन ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित है। इनकी प्रमुख कृतियां गोली, सोमनाथ, वयं रक्षामः और वैशाली की नगरवधू इत्यादि हैं। आभा इनकी पहली रचना थी। इनके अतिरिक्त शास्त्रीजी ने प्रौढ़ शिक्षा, स्वास्थ्य, धर्म, इतिहास, संस्कृति और नैतिक शिक्षा पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं।