‘मेरी सारी हिम्मत समाप्त हो गई। मेरी सामर्थ्य अब इतनी भी नहीं रही कि मैं यान को अपने नियंत्रण में रख सकूं उस क्षण, मेरी प्यारी लिज़ा, बस तुम्हारी स्मृति मेरे मस्तिष्क में थी, मैंने पृथ्वी को और जीवन को नमस्कार किया। मेरी चेतना धीरे-धीरे लुप्त हो गई और मैंने जाना कि मेरी मृत्यु हो गई।’
लिज़ा ने कांपते हाथों सेज़ोरोवस्की का हाथ पकड़ लिया और एक सिसकारी उसके कण्ठ से निकल पड़ी। फिर वह ज़ोरोवस्की की गोद में गिरकर फफक-फफक कर रो पड़ी।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी आचार्य चतुरसेन का एक वैज्ञानिक उपन्यास, जिसमें उन्होंने परमाणु शक्ति की कल्पनातीत क्षमताएँ अंतरिक्ष में मानव की उड़ान तथा दुरूह ध्रुवीय प्रदेश की साहसिक यात्रा का बड़ा ही रोमांचक चित्र प्रस्तुत किया है। इसे पढ़ते-पढ़ते, निश्चय ही आप एक विचित्र लोक में भ्रमण करने लगेंगे।
Imprint: Hind Pocket Books
Published: Aug/2023
ISBN: 9780143462088
Length : 200 Pages
MRP : ₹199.00